लिखु गीत एहन बदलि जाय दुनियाँ गढ़ु शब्द एहन ठहरि जाय दुनियाँ चलु मीत सजाबी सुर ताल केर महफिल धुन छेरू एहन थिरकि जाय दुनियाँ