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White अभी लबे बिस्तर तकिया भिगोये हैं। अफ़सोस हम भी

White अभी लबे बिस्तर तकिया भिगोये हैं।
अफ़सोस हम भी किस क लिए रोये हैं।
दिल की ज़मीं बंजर तो नहीं रहा जिया।
हमने कुछ खास ज़ख्मों को बोये हैं।
हमारी मेहरबानी कहो या हमदर्दी लोगों
रात काटे हैं हम लोग हमारे घर मे सोये हैं।

©Zia Hasan #milan_night IshQपरस्त Gulesta Afrin akash shrivastav Anshu writer h m alam s
White अभी लबे बिस्तर तकिया भिगोये हैं।
अफ़सोस हम भी किस क लिए रोये हैं।
दिल की ज़मीं बंजर तो नहीं रहा जिया।
हमने कुछ खास ज़ख्मों को बोये हैं।
हमारी मेहरबानी कहो या हमदर्दी लोगों
रात काटे हैं हम लोग हमारे घर मे सोये हैं।

©Zia Hasan #milan_night IshQपरस्त Gulesta Afrin akash shrivastav Anshu writer h m alam s
ziahasan6391

Zia Hasan

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