पत्तर की मूरत को लगते हो भोग, यहाँ दो रोटी के वास्ते मर जाते है लोग, इस फरेबी दुनिया में वो सब मालामाल है, जो कभी मुफ़्त में सिखाते थे योग। -सुमीत। #Shayari #fareb #Yoga #gareeb #Bhagwan #Khuda