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खुद की परछाई को अपने गले से लगाती, बड़ी होकर माँ क

खुद की परछाई को अपने गले से लगाती,
बड़ी होकर माँ की परछाई बनती बिटिया हमारी। ❤प्रतियोगिता-459❤
   
👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 130👍🏻

🤗आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए केवल दो  पंक्तियों में लिखना है I🤗

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दी हुई चुनौती को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
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बड़ी होकर माँ की परछाई बनती बिटिया हमारी। ❤प्रतियोगिता-459❤
   
👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 130👍🏻

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