जीवन रूपी सिक्के के दो पहलू सुख और दुख किसी के लिए तुम पहले का कारण बनो दूसरे का साझेदार बनो ६६/३६५@२०२२ मनुष्य वही है जो दूसरों के लिए मरा करे। किसी के सुख का साझेदार बनो न बनो, किसी के दुख का कारण कभी मत बनना। original yreeta-lakra-9mba #life #motivational