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नज़रें थी तुम्हारी गन्दी, नज़रबंद हम हो गये। कसूर तो

नज़रें थी तुम्हारी गन्दी,
नज़रबंद हम हो गये।
कसूर तो ना था हमारा,,
पर कसूरवार हम हो गये।। stop harresment
नज़रें थी तुम्हारी गन्दी,
नज़रबंद हम हो गये।
कसूर तो ना था हमारा,,
पर कसूरवार हम हो गये।। stop harresment
asthagupta1539

Astha Gupta

New Creator