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उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था। मैं आ

उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था। मैं आगे जा रही थी वो मानो मेरी परछाई की छाव 
में आ रहा था ।मैं डरते-डरते कदमो को हिम्मत दें 
रही थी पर कदम आगे कदम उठाने से कतरा रहे थे । 
जान मुट्ठी में भर आयी थी किन्तु साहस थोड़ी सी 
सांस दे रहा था । लेकिन अब तो साहस भी अपना 
दम तोड़ गया । मन में शंकाओ के बादल मंडरा रहे
 थे कि क्या होगा अब.? कौन  है वो.? क्या कर रहा
 यहाँ .? इत्यादि पर अब आखिरकार मैने खौफ को कुचलकर पीछे की ओर मुँह किया तो आंखे फटी की 
फटी रह गई क्योंकि वो कोई और नही बल्कि मेरी ही
 परछाई थी जो मेरे साथ मुस्कुराई थी ।

losac_kp👆_shayari_official #sannata
उस अँधेरे के सन्नाटे में कोई पीछा कर रहा था। मैं आगे जा रही थी वो मानो मेरी परछाई की छाव 
में आ रहा था ।मैं डरते-डरते कदमो को हिम्मत दें 
रही थी पर कदम आगे कदम उठाने से कतरा रहे थे । 
जान मुट्ठी में भर आयी थी किन्तु साहस थोड़ी सी 
सांस दे रहा था । लेकिन अब तो साहस भी अपना 
दम तोड़ गया । मन में शंकाओ के बादल मंडरा रहे
 थे कि क्या होगा अब.? कौन  है वो.? क्या कर रहा
 यहाँ .? इत्यादि पर अब आखिरकार मैने खौफ को कुचलकर पीछे की ओर मुँह किया तो आंखे फटी की 
फटी रह गई क्योंकि वो कोई और नही बल्कि मेरी ही
 परछाई थी जो मेरे साथ मुस्कुराई थी ।

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