#OpenPoetry तुमने चयती थी धोखा देना । और दिखो तुमने धोखा दिया। तुम चयती थी। जहाँ तुम को बहा हम न हो। दिखो तुम्हरी खुशी के लिए छोड़ दिया । फेल हो गये हम। हम तो ज़िंदगी भर यही चायते थे तुम बस खुश रहो । लो तुम्हरी खुशी के लिए ये भी सही #लव