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कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे जितनी भी म

कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे
जितनी भी मुश्किल में हूँ आसान कर देगा मुझे

रू-ब-रू कर के कभी अपने महकते सुर्ख़ होंट
एक दो पल के लिए गुल-दान कर देगा मुझे

रूह फूँकेगा मोहब्बत की मिरे पैकर में वो
फिर वो अपने सामने बे-जान कर देगा मुझे

ख़्वाहिशों का ख़ूँ बहाएगा सर-ए-बाज़ार-ए-शौक़
और मुकम्मल बे-सर-ओ-सामान कर देगा मुझे

मुंहदिम कर देगा आ कर सारी तामीरात-ए-दिल
देखते ही देखते वीरान कर देगा मुझे

एक ना-मौजूदगी रह जाएगी चारों तरफ़
रफ़्ता रफ़्ता इस क़दर सुनसान कर देगा मुझे

या तो मुझ से वो छुड़ा देगा ग़ज़ल-गोई 'ज़फ़र'
या किसी दिन साहिब-ए-दीवान कर देगा मुझे

©Jashvant
  कब वो जाहिर  Puneet Arora Sunny PФФJД ЦDΞSHI Chanda Nîkîtã Guptā Mukesh Poonia
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Jashvant

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कब वो जाहिर Puneet Arora Sunny @PФФJД ЦDΞSHI Chanda @Nîkîtã Guptā @Mukesh Poonia #Shayari

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