जिस दिन छोड़ दोगे अपने "पुरूषत्व" का दम्भ, उसी दिन हो जाओगे प्रेममय एक "नारी" की तरह। जिस दिन छोड़ दोगे एक" स्त्री" पर अधिकार जताना, उसी दिन हो जाओगे "ममतामय" एक "माँ" की तरह। जिस दिन छोड़ दोगे "अपशब्दों" का जाल बिछाना, उसी दिन हो जाओगे "समर्पित" एक "पत्नी" की तरह। जिस दिन समझ लोगे "चरित्र की पवित्रता" को, उसी दिन हो जाओगे शिवमय "पुरुषोत्तम" की तरह। फिर खत्म हो जाएगा स्त्री-पुरुष का भेद.... प्राप्त करोगे सम्पूर्णता को "अर्द्धनारीश्वर" के।। ©Neel अर्धनारीश्वर 🍁 #Walk