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तुम आज हो तुम कल हो तुम यत्र हो, तुम सर्वत्र हो तु

तुम आज हो तुम कल हो
तुम यत्र हो, तुम सर्वत्र हो
तुम बाल,
तुम लड्डू गोपाल
तुम नन्दन- मारुती
तुम चंचलता के यथार्थ
नटखट किशन कन्हैया हो
मामा के  " साहब "
और पापा के  " भईया " हो
तुम अभय, असीमित - अनन्त हो
तुम "अदम्य" हो ||

©ranjit winner
  #adamay

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