मेरे मय्यत मे शामिल, उठानेवाले हजार होंगे। जलाने मेरी लाश को, उठानेवाले हजार होंगे। गर बची मेरी हस्ती उसमेभी कही यारो, तो बाकी बची हस्ती, मिटानेवाले हजार होंगे।... जिंदा होते हुए मैंने देखा है यारो, कितनी भी सिद्दत से बचावो तुम अपनी शख्सीयत, पर इस दुनिया कि बाजार मे, शख्सीयत मिटानेवाले हजार होंगे।... कवीराज। ९०२१०३४९१७. जबरदस्त शायरी