हमें रंगों का कहाँ इल्म, आँसुओं में रंग किसने देखा है। देखें हैं रंग बदलते हुए चेहरों के, मेरा बेरंग चेहरा किसने देखा है। मोहब्बत तो गोरे रंग से हमें हो गयी गई, फ़कत एक न में रंग उतरते देखा है। कायल जिसके वादों के हो गए, उन्हें किसी और के रंग में चढ़ते देखा है। होली में हम उन्हें रंग लगाने गए थे, कंबख्त पूरे शहर ने हमें लाल रंग में देखा है। ©SunLight मेरा रंग अभी किसने देखा है। #Love #Like #follow #Life #Life_experience #Holi #gulal_ishq_ka