Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक अनोखी सुहागरात छोटी थी ,गुड़ियों से खेलती थी ,

एक अनोखी सुहागरात 

छोटी थी ,गुड़ियों से खेलती थी ,चहकती थी ,मचलती थी,
अल्हड़ , जिद्दी रूठती थी ,ना जाने वह कितना ठुनकती थी।।

सहसा एक तूफान आ गया,बिन बुलाए बरसात आ गया ,
अच्छा रिश्ता देखकर मां ने ,कलेजे में पत्थर रख लिया,
खेलती कूदती गुड़िया को,आंचल से विदा कर दिया।।

बहुत डरी थी ,सहमी थी ,चुनर ओढ़ कर बैठी थी ,
सहसा आहट से चौकन्नी हुई थी,आंखें मूंद प्रार्थना बुदबुदाती थी।।

उसने उसकी चेहरे की,भावना को पढ़ा था ,
हृदय की शंका और डर को क्या खूब भांपा था।।

उसके माथे पर प्यार से,चुंबन भरा था ,
सो जाओ बहुत थकी होगी ,ऐसा कहा था ।।

बिना  दैहिक आकर्षण के,निर्मल गंगाजल सा पावन ,
प्रेम वे बहाते रहे,उसे सर्वस्व अपना बनाते रहे ।।

वह बनती गई ,उनके त्याग की पूजारन , 
अल्हड़ बच्ची से,धीरे-धीरे उनकी सुहागन।।



- अंशु प्रिया एक अनोखी सुहागरात
एक अनोखी सुहागरात 

छोटी थी ,गुड़ियों से खेलती थी ,चहकती थी ,मचलती थी,
अल्हड़ , जिद्दी रूठती थी ,ना जाने वह कितना ठुनकती थी।।

सहसा एक तूफान आ गया,बिन बुलाए बरसात आ गया ,
अच्छा रिश्ता देखकर मां ने ,कलेजे में पत्थर रख लिया,
खेलती कूदती गुड़िया को,आंचल से विदा कर दिया।।

बहुत डरी थी ,सहमी थी ,चुनर ओढ़ कर बैठी थी ,
सहसा आहट से चौकन्नी हुई थी,आंखें मूंद प्रार्थना बुदबुदाती थी।।

उसने उसकी चेहरे की,भावना को पढ़ा था ,
हृदय की शंका और डर को क्या खूब भांपा था।।

उसके माथे पर प्यार से,चुंबन भरा था ,
सो जाओ बहुत थकी होगी ,ऐसा कहा था ।।

बिना  दैहिक आकर्षण के,निर्मल गंगाजल सा पावन ,
प्रेम वे बहाते रहे,उसे सर्वस्व अपना बनाते रहे ।।

वह बनती गई ,उनके त्याग की पूजारन , 
अल्हड़ बच्ची से,धीरे-धीरे उनकी सुहागन।।



- अंशु प्रिया एक अनोखी सुहागरात