जल जंगल जमीन सबो रिहिस जिंहा, सरग ले घलो सुग्घर खुबसुरती रिहिस इंहा। कभू पंजा म नोचे ता कभू कमल म दबोचे, पुरखा के भुंइया बर कोन्हो नई सोचे। दल्ली राजहरा हा बी एस पी होगे, पुरूड़ के रक्षक अखमुंदा सोगे। मोर गॉव मोर माटी कइसे होगे, बिकास के नाव मे सबो खोखला होगे। palli 15/02/21 ©Preeti uikye हमर छत्तीसगढ #seaside