इश्क़ के दामन में यूँ वफ़ा को छुपाये रखना भूलने वाले को अपनी यादों में समाये रखना हो जफ़ाओं या वफ़ाओं का मौसम फिर भी दिल के कोने में एक उम्मीद जलाये रखना ये ज़माना सदियों से दीवार करता आया है हिज़्र के दामन में लाज़िम इश्क़ छुपाये रखना दूरियां दिल की तो नफ़रत को बढ़ा देती है हर कदम दिल की ज़ानिब तू बढ़ाये रखना ये जो क़िस्मत है एक पल में बदल जाती है झूठा हो चाहे ख़ुदको दिलासा दिलाये रखना बदनामियों से भी कभी नाम हुआ करता है इश्क़ में हाल ख़ुद मजनूं सा बनाये रखना फ़रहाद क़िस्मत के पत्थर से दूध निकलेगा इश्क़ की दांस्ता मुक़द्दस बस बनाये रखना आखिर को तो एक दिन सबको ही मर जाना है लम्हों की खुशियां ज़हन ओ दिल समाये रखना चाह कर भी तुझे दुनिया जुदा न कर पाये इश्क़ को इस कदर शिद्दत से निभाये रखना #NojotoQuote मृगतृष्णा