#बोद्ध_धर्म भगवान बुद्ध के माता-पिता हिन्दू थे…स्वयं बुद्ध ने हिन्दू धर्म को कभी त्यागा नहीं,सदैव जनेऊ पहनते थे तो सनातन में ही बौद्ध का जन्म हुआ कभी सनातन देवी देवता को गलत नहीं कहे थे फिर ये कौन बौद्ध धर्म को भंग कर आडंबर फैला रहा है तथा नया पंथ या सम्प्रदाय चलाया नहीं फिर ये कौन उनके अनुयायी हैं जो सनातन धर्म के देवताओं को गाली देकर अपने आप को बोद्ध धर्म के प्रवर्तक बता रहे हैं… निश्चित ही यह बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है…देश व समाज को तोड़ने वाली शक्तियों का हाथ है… जब भगवान बुद्ध ने अलग पंथ या सम्प्रदाय नहीं बनाया तो बोद्ध धर्म में जाति भेद कैसे होने लग गया…कैसे अगडा-पिछड़ा होने लग गया : अगडा- हीनयान,महायान,वज्रयान,भीमयान,थेरवाड,त्रिलोक,दरा,फल्पा,थल्पा,बोडो,नोनो इत्यादि। पिछड़ा-बुराकुमिन,यांगबान,बीकजोंग,वज्रधरा,मोन,गराबा इत्यादि…इनका तो बोद्ध मन्दिरों में जाना तक वर्जित है भिक्षु बनना तो बहुत दूर की बात है। ये सब क्या है…? भगवान बुद्ध ने इतने सारे मत नहीं बनाये थे तो ये कब और कहाँ से बन गये…विचार करना… असली बोद्ध मतावलंबियों को सावचेत व सावधान होने की ज़रूरत है यदि ये सब होता तो भीमराव अम्बेडकर क्यों बोद्ध धर्म अपनाते…? जागो बौद्ध धर्मावलंबियों-जागो-जागो कोई दुष्ट कुचक्र चल रहा हैं बौद्धिष्टों को भटका रहा है । ©Raju Mandloi #बुद्ध