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जीवन गहन नैराश्य और अंधकार में भी कितना धवल और आभा

जीवन गहन नैराश्य और अंधकार में भी कितना धवल और आभामय हो सकता है , इसकी जीती जागती बानगी देखने को मिली । एक कैंसर केयर अस्पताल की मरीज कुर्सी पर एक प्रौढ़ महिला अपना कान्तिमय चेहरा लिए मुस्कान से भरी बैठी थी । उनसे परिचित एक अन्य परिचित महिला सामने आती हुई उन्हें देखकर मुखातिब हुई और हंसते हुए कहने लगी " कीमो के बाद आपके बाल तो बहुत अच्छे और घने हो गए है । "  सुनकर अंदाजा लगा कि इन अम्मा का कैंसर का का इलाज चल रहा होगा , इलाज क्या दरअसल कीमोथेरेपी चल रही होगी जिससे शरीर पूरा लुंज- पुंज हो जाता है और सारे बाल चले जाते है।  किंतु एक अधेड़ और एक प्रौढ़ महिला जो कि कैंसर जैसी नारकीय बीमारी के दंश भली भांति जानती होगी , हंसते हुए कीमो से उनके बालो में हुए सुधार की बात कर रही थी। दूसरी अधेड़ महिला और आगे कहने लगी " अरे हमारे उनके (कोई परिचित अन्य करीबी महिला ) भी कीमो के बाद क्या शानदार और शाइनिंग वाले नए बाल आ गए । वे दोनो खुशी खुशी चहकते हुए कीमो का गुणगान कर रही थी । सुनकर और देखकर लगा कि जीवन कितना संभावनाओं के भरा हुआ है। अम्मा के मुख पर कांति तैर रही थी , उनके बाल वाकई में घने झबरिले और नए मालूम हो रहे थे। जीवन कितना सुंदर मालूम हो रहा था ।

#दुःख #की #दैनंदिनी

©Rajesh Raana
  ये जीवन है......
rajeshsuryavansh1699

Rajesh Raana

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ये जीवन है...... #ज़िन्दगी #की #दुःख #दैनंदिनी

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