दिल की धड़कन है , ख्यालों में मेरे रहता है कौन है वो , जो सवालों में मेरे रहता है जिस का देखा न चेहरा उस से वफ़ा करता हूँ दिल के आईने में , मैं उस से मिला करता हूँ मैं नहीं जानता यह किस की तलब है मुझ को किस का अरमान इरादों में मेरे रहता है ख्वाब है वो मेरा , हक़ीक़त बनाऊं कैसे अपनी हसरत को मैं , तक़दीर बनाऊं कैसे मुझ को मिलता है सकूँ , उस का तसबुर कर के वो इशारा जो इशारों में मेरे रहता है किस की तारीफ में लिखी यह ग़ज़ल क्या जानू किस को कहता हूँ मोहब्बत का जनून क्या जानू मैं तो बस एक ही उम्मीद में रहता हूँ सदा उस को देखूँ जो नज़रों में मेरी रहता है