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कुछ इश्क तो कुछ मजबूरी थी सो मैने जीवन हार दिया..

कुछ इश्क तो कुछ मजबूरी थी 
सो मैने जीवन हार दिया....
मैं कैसा जिंदा आदमी था,एक सख्श ने मुझको मार दिया।।
मैं एक खुली सच्चाई हूं
मुझे जानने वाले जानते हैं
मैने किन लोगो से नफरत की और किन लोगो से प्यार किया।।

©Rampal Yadav
  तहजीब की शायरी ।।।।
rampalyadav8183

Rampal Yadav

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तहजीब की शायरी ।।।। #Shayari

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