Nojoto: Largest Storytelling Platform

गर्दिश-ए-अय्याम कुछ इस कदर देखा है, अपनो को भी गैर

गर्दिश-ए-अय्याम कुछ इस कदर देखा है,
अपनो को भी गैर होते हुए देखा हैं।।

शानासायी खूब थी किसी ज़माने मे उनकी भी,
ईमरोज़ तो खुद को भी खोते हुए देखा है।।

मयस्सर थे वो हर वक़्त जिन लोगो की खातिर,
उनको भी फ़रामोश होते हुए देखा है।।

इ'ताब-ए-जमाने को खिताब क्या नवाज़ा,
अपनी मोहब्बत को भी क़ुर्बाँ होते हुए देखा है।।

हाँ वो मंज़र ना क़ाबिल-ए-बर्दास्त था,
मगर तमन्ना-ए-खाम को भी हँसते हुए देखा है।।

©Sameri #Life#Hope#Love#Friendship#Lovedones#Diary_of_Sameri_Treasure_Trove_of_Emotions
गर्दिश-ए-अय्याम कुछ इस कदर देखा है,
अपनो को भी गैर होते हुए देखा हैं।।

शानासायी खूब थी किसी ज़माने मे उनकी भी,
ईमरोज़ तो खुद को भी खोते हुए देखा है।।

मयस्सर थे वो हर वक़्त जिन लोगो की खातिर,
उनको भी फ़रामोश होते हुए देखा है।।

इ'ताब-ए-जमाने को खिताब क्या नवाज़ा,
अपनी मोहब्बत को भी क़ुर्बाँ होते हुए देखा है।।

हाँ वो मंज़र ना क़ाबिल-ए-बर्दास्त था,
मगर तमन्ना-ए-खाम को भी हँसते हुए देखा है।।

©Sameri #Life#Hope#Love#Friendship#Lovedones#Diary_of_Sameri_Treasure_Trove_of_Emotions
sameri2392503822059

Sameri

Growing Creator