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धर्म जाति भेद को छोड़ कर जिऐं तो अच्छा हो, काश इ

धर्म जाति भेद को छोड़  कर  जिऐं तो अच्छा हो,
काश इन मतभेदों को छोड़ एक इंसान सच्चा हो।
कुछ था जो बरसो से उलझा हुआ ,
या यूँ कहे हमने धर्म के नाम पर जिसे उलझाए रखा।
आज शायद कुछ सुलझा है , पर एक डर है
कहीं ये और उलझ तो नहीं गया ,
आज का फैसला , 
किसी के लिए सुँकू है कि आखिर ये मुद्दा खत्म तो हुआ।
किसी के लिए खुशी , तो किसी के अहंकार की तृप्ति,
वो धर्मपुरूष सारा राजपाठ छोड़ अपना धर्म निभाते रहे,
और हम उन्हीं के नाम पर क़ई जिंदगिया जलाते रहे।
जिस महापुरूष ने कभी अहंकार नही किया,
और हम अहंकार में उनके लिए 
"मंदिर वहीं बनाऐंगे" चिल्लाते रहे।
"मंदिर वहीं बनाऐंगे " चिल्लाते रहे।। ऐसा क्यों??
धर्म जाति भेद को छोड़  कर  जिऐं तो अच्छा हो,
काश इन मतभेदों को छोड़ एक इंसान सच्चा हो।
कुछ था जो बरसो से उलझा हुआ ,
या यूँ कहे हमने धर्म के नाम पर जिसे उलझाए रखा।
आज शायद कुछ सुलझा है , पर एक डर है
कहीं ये और उलझ तो नहीं गया ,
आज का फैसला , 
किसी के लिए सुँकू है कि आखिर ये मुद्दा खत्म तो हुआ।
किसी के लिए खुशी , तो किसी के अहंकार की तृप्ति,
वो धर्मपुरूष सारा राजपाठ छोड़ अपना धर्म निभाते रहे,
और हम उन्हीं के नाम पर क़ई जिंदगिया जलाते रहे।
जिस महापुरूष ने कभी अहंकार नही किया,
और हम अहंकार में उनके लिए 
"मंदिर वहीं बनाऐंगे" चिल्लाते रहे।
"मंदिर वहीं बनाऐंगे " चिल्लाते रहे।। ऐसा क्यों??
anjalichauhan6233

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ऐसा क्यों??