सिर्फ एक को पाने के लिए वो कितनो को खोता, एहसास माँ की भुला कर, याद उसके संजोता है, दुनियाभर की दुआएं करता है किसी गैर के खातिर, जब-जब कोई इंसान प्रेम में होता है। विक्की यादव शौर्य माँ का लाल हाशिना का प्यार