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कल रात भी गजब की गुज़री। उस अंधेरे में दुश्मन कई थे

कल रात भी गजब की गुज़री।
उस अंधेरे में दुश्मन कई थें,टक टकी लगाए।
मेरे सोने के इंतेज़ार में।
लेकिन हम भी शातिर खिलाड़ी हैं।
सूबे ज़मीन पे लाशो का ज़खीरा लगा था।
खून से लथपथ हाथ थें।
क्या करे मच्छरों की और हमारी लड़ाई ही कुछ ऐसी थी,कल रात।। maccharo se ladaii #nojoto
कल रात भी गजब की गुज़री।
उस अंधेरे में दुश्मन कई थें,टक टकी लगाए।
मेरे सोने के इंतेज़ार में।
लेकिन हम भी शातिर खिलाड़ी हैं।
सूबे ज़मीन पे लाशो का ज़खीरा लगा था।
खून से लथपथ हाथ थें।
क्या करे मच्छरों की और हमारी लड़ाई ही कुछ ऐसी थी,कल रात।। maccharo se ladaii #nojoto