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बेटी भी जब औलाद है अपनी अपने आंगन का फूल है घर को

बेटी भी जब औलाद है अपनी
अपने आंगन का फूल है
घर को घर बनाती बेटी
फिर क्यों चरणों की धूल है?

बेटा बेटी हैं एक समान
सबका यही कहना है
फिर उसे ही क्यों कुचलते
हर ज़ुल्म क्या उसीने सहना है?

कोख में मन्नत बेटे की करते
बेटी कोई माँगता नहीं
बेटे के हो जाने पर
वो माँ बाप की सेवा नहीं।

वक़्त है सोच बदलने का
बेटा बेटी में फर्क नहीं
बेटी भी घर की शान है
कूड़ेदान में इसकी जगह नहीं।

 #NojotoQuote #Beti💖 #SochBadlo
#Nojoto #BhawnaSharma #HindiPoetry #NojotoHindi #NojotoPoetry #Kalakaksh
बेटी भी जब औलाद है अपनी
अपने आंगन का फूल है
घर को घर बनाती बेटी
फिर क्यों चरणों की धूल है?

बेटा बेटी हैं एक समान
सबका यही कहना है
फिर उसे ही क्यों कुचलते
हर ज़ुल्म क्या उसीने सहना है?

कोख में मन्नत बेटे की करते
बेटी कोई माँगता नहीं
बेटे के हो जाने पर
वो माँ बाप की सेवा नहीं।

वक़्त है सोच बदलने का
बेटा बेटी में फर्क नहीं
बेटी भी घर की शान है
कूड़ेदान में इसकी जगह नहीं।

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