कहना ही क्या उन शामों का, जिनमें बातें तेरी शामिल हुआ करती थी। वक़्त गुज़र गया ढलते शाम की तरह, अब यादें हैं बस बची वहाँ, जहाँ तेरी बातें हुआ करती थी। _sanshika #shaam #basyaadei #missing #alone