बचपन में उन हाथों ने उंगली थामें चलना सिखाया, सही गलत हर रास्ते से पहचान करवाया । अपनी औलाद के सपनों को खुद के आँखों से देखा, जिसके बदौलत उस औलाद ने कामयाबी का स्वाद चखा । उनके आशीर्वाद के बल पर हासिल किया हर एक मंजिल, उनके ही दुआओं ने बनाया आज बेटे को इस काबिल । आज जब उंगली पकडने की बेटे की बारी आयी, उसने बडी बेरहमी से अपनी मुँह फिराइ । छोड़ आया उनको वृद्धाश्रम में जाकर, सोचने वाली बात है, क्या उस माँ-बाप का हक नहीं है अपने बेटे पर। यह तो है आज कहानी घर घर की, उन माता-पिताओं की हँसी के मुखौटे में छुपी उन आँसुओं की। Nominated by Malaya Mohanty.. thanks for nominating me. Hope you like it.. #रास्ते #हक #मंजिल #उंगली #YQdidi #yourquote #BoostThyself #Hindi #yqbaba #YoPoWriMo #Poem #poetry