Nojoto: Largest Storytelling Platform

ग़ज़ल##अब मिली देखिए मुफ़लिसी की सजा ख़्वाब सारे ह

ग़ज़ल##अब मिली देखिए मुफ़लिसी की सजा ख़्वाब सारे हमारे धुआं हो गए । बेकद्री ज़िल्लत से गुजरे हैं हम रात-दिन सब पहर बद्दुआ हो गए।।##

ग़ज़ल#अब मिली देखिए मुफ़लिसी की सजा ख़्वाब सारे हमारे धुआं हो गए । बेकद्री ज़िल्लत से गुजरे हैं हम रात-दिन सब पहर बद्दुआ हो गए।।##

1,534 Views