दरिंदगी की सारी हदें पार हो गयी। इस तरह लूटा उसको कि, उसकी दुनिया बेकार हो गई। किसी के सपनों को लूटा किसी के पंखों को लूटा। जिंदा कैसे रहे जब किसी का दिल ही इतना टूटा। जिंदगी की जंग लड़ने में सुबह से शाम हो गई। दरिंदगी की सारी हदें पार हो गई। ये सतयुग के हैं राम नहीं जो तुम्हें बचाने आएंगे। ये द्वापर के कृष्ण नहीं जो तुम्हें मनाने आएंगे। यह कलयुग के हैं मनचले जो तुम्हें सताने आएंगे। तो उठा लो शस्त्र हाथों में दुनिया बेकार हो गई। दरिंदगी की सारी हदें पार हो गई।। kaisa samaj ho gaya hai 🤔🤔 #InspireThroughWriting