तब इतने लेखक नही थे लफ्जों बेमतलब उतारते नही थे जो पढते थे, अरसों तक याद करते थे अब लेखक इतने ज्यादा है की पढने के लिये फुरसत नही है सौ बार पढा हुआ लफ्ज, सिर्फ अपनी पन्हों पे याद आते है । Competitive world🥀 . . . #yqbaba #newwritersclub #aparnaa #competition #writer