कौन कहता है साहब बेटियां कमजोर होती है अरे ये तो दहेज की मार को चुप सह जाती है हल्की सी खरोच पर घर को सर पर उठाने वाली अपनी पीठ पर वेल्ट के निशानों को छुपा जाती है यह बेटियां ही होती है साहब जो परिवारों की इज्जत के लिए चुप ही चुप सभी दर्द सह जाती हैं। ©Ankit Nagar Dowry Death दहेज 18 Aug