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वो राहो पर संभल कर चलना जानता है... कभी उडता आसमान

वो राहो पर संभल कर चलना जानता है...
कभी उडता आसमान मे, फिर जमीन पर उतरना जानता है...
वो जिंदगी को बेफिक्री से जिना जानता है...
एक शक्स है,जो खामोश जुबा भी पढना जानता है...

©शायर - ए - मुसाफिर #poem 

#You&Me
वो राहो पर संभल कर चलना जानता है...
कभी उडता आसमान मे, फिर जमीन पर उतरना जानता है...
वो जिंदगी को बेफिक्री से जिना जानता है...
एक शक्स है,जो खामोश जुबा भी पढना जानता है...

©शायर - ए - मुसाफिर #poem 

#You&Me