तू है अनमोल, तेरा सर आसमान मे पावँ धरती पर तेरा मुस्तकबिल मुख्तलिफ हो, तभी तो बात कुछ होगी हिमालय हाथ में हो जिसके और सूरज हो पेशानी पर लडे जो दीन की खातिर, वही सच्चा है कर्मयोगी अभी जो तौलते खुद को हीरे और जवाहिरातों से बोहोत छोटे हैं बदकिस्मत, उनकी कीमत ही क्या होगी #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqpoetry #karmyogi