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नज़रें ढूँढती हैं तुम्हें पर, अफ़सोस तुम नज़र आते नही

नज़रें ढूँढती हैं तुम्हें पर,
अफ़सोस तुम नज़र आते नहीं..!

बदलते मौसम से हो गए हो तुम,
अब हमको पहले सा चाहते नहीं..!

कभी थे हम भी पसंद तुम्हारी,
यादों के साये क्यों तुम्हें सताते नहीं..!

भाग्य का अस्त हुआ जीवन पस्त,
रूठे हुए सनम को मनाते नहीं..!

बदल गई तक़दीर या कहूँ तस्वीर,
दिल में है कोई और क्यों बताते नहीं..!

©SHIVA KANT(Shayar)
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