मैं समझा ही नहीं पाया उनको, दुनिया का चलन,जो मुझसे करीब थे । अमीरों ने मेरी सुनी नहीं, मानते मेरी वो भी नहीं, जो मुझसे गरीब थे।। कर्ण सिंह " जान् " #Chehro_ki_sachai