उफ़ तलक न निकली उसके दिल से, जिसने जिस्म से सांसे छीन ली। मै चुपचाप देखता रहा, वो जिन्दगी थी मेरी। आग सी लगा गई दिल - ए महल में, रोशन - ए चिराग थी मेरी। रोशन - ए चिराग थी मेरी.........!