कभी सोचा न था, हम दोनों इस कदर मिल जाएंगे। न सोचा था इस कदर, सफर साथ तय कर पाएंगे। तुम भी बड़े आधुनिक हो गये हो, रंग बिरंगे की- बोर्ड में बदल गए हो। ख्याल मेरे मन में आते ही, बेझिझक हाथों को चलाते हो। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1001 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।