वो नजरें झुकाए तो काली घटा सी छा जाए, वो जुल्फें गिराए तो रुत सुहानी हो जाए, वो मुस्कुराए ऐसे जैसे फूल कोई गुलाब हो वो शरमाए ऐसे जैसे हुस्न-ए-शबाब हो वो रूठ जाए जब दुनिया रूठी लगने लगे वो इठलाए जब चाँदनी सी बिखरने लगे मेरे जीवन का आधार है प्यार, मेरी ज़िंदगी का अटूट हिस्सा है प्यार।। वो नजरें झुकाए तो काली घटा सी छा जाए, वो जुल्फें गिराए तो रुत सुहानी हो जाए, वो मुस्कुराए ऐसे जैसे फूल कोई गुलाब हो वो शरमाए ऐसे