गुफ्तगू करने की आदत सी है मुझे, खुद से तेरी बात करने की आदत है मुझे, उन पलों के बारे में सोचकर हंस भी देती हूं, और रो भी लेती हूं, तो क्या हुआ हम साथ नहीं है, पर ख्यालों में तो तेरा एहसास भी है, वो सारी बातें बताया करती हूं, वो इजहार भी करती हूं, खुदी से रूठती हूं, खुद पर ही गुस्सा करती हूं, ओर खुदी को मना भी लेती हूं, बस अब तो तुझे देखने की तमन्ना है, इसी में अपनी सारी शाम ओर रात गुजार देती हूं # own feeling# ✍️✍️🥰💕