आते जाते वो मुझसे नज़रें मिलाने लगे हैं लगता है इश्क की गलियों में आने लगे हैं घायल तो पहले से ही था दिल मगर अब वो कातिल अदाओं के तीर चलाने लगे हैं बहुत हो गया अब उनका पीछे-पीछे आना अब तो सामने से ही गले लगाने लगे हैं खत्म हो गया अब गुलाब का लेना -देना वो तो अब इस दिल को ले जाने लागे हैं ##शुरुआत