आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा रुठे हुये महबूब को जब ख्वाब़ में झगडते हुये देखा,,। सुफियान"सिद्दीकी" अररिया बिहार। ©SUFIYAN"SIDDIQUI" #Nind_ko_ankhon_se