बात जब खुद की बेटी पर आये तब बताना ! जब खुद की बहन बेटी छली जाये तब बताना!! ये राजनीति के पैंतरे इज्जत नहीं लौटाते! जब दरवाजे से बारात लौट जायें तब बताना!! तुम्हें गुमान है अपनी मां बहन बहू बेटी पर! तुम्हारी और हमारी में कोई अन्तर हो तब बताना !! फकत ये कौम जो हमें हमारी पहचान देती है! शारीरिक बनावट अलग हो तब बताना !! दरकती है जब किसी गरीब बाप की पगड़ी ! पलभर में उजड़ जाता है उसका आशियाना!! सामाजिक परिदृश्य तुम भी देख लेना ! अपना कह कर लूटता है ये ज़माना!! ©Rishi Ranjan #smog sad poetry poetry quotes love poetry in hindi