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ज़ब एक दिनमैं मृत्यु के देवता से. मुख़ातिब हुआ तों उ

ज़ब एक दिनमैं मृत्यु के देवता से. मुख़ातिब हुआ तों उसने मुझसे हैरान होकर एक  यक्ष प्रश्न किया  कि
क्या तुम्हारी धरती पर तुम्हारी  ललक 
 तुम्हारी आसक्ति और तुम्हारी वास्नाओं का वो
अतुल  भण्डार चुक गया हैँ ?.
मैंने कहा  निश्चित ही  वो मेरे लिए चुक  गया हैँ तभी तों
मैं  आया हू तुम्हारे पास  तुम्हारी मृतक आत्माओं के कोष मे इज़ाफ़ा करने....।

©Arora PR
  मृतक आत्माओ का  कोष
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मृतक आत्माओ का कोष #कविता

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