White शामें किसी को मांगती है आज भी। धड़कनें राज बयां करती है आज भी। क्यों ख़फ़ा होकर तुम चल दिए थे सांसें तेरा दम भरती है आज भी। टूटे दिल के फसाने कौन सुनेगा ख्वाहिशें बेतहाशा मरती हैं आज भी। मीरा सी मैं तो दीवानी हुई हूं नाच नाच के बिखरती हूं आज भी कोई शिकवा नहीं जो ग़म मिले जिंदगी फिर भी निखरती है आज भी। सुरिंदर कौर ©Blackpen #love_shayari #evening #someone