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त्याग निद्रा का करके , नूतन काम आरंभ कर दे। फीकी ह

त्याग निद्रा का करके , नूतन काम आरंभ कर दे।
फीकी हुई चमक जीवन की , कुछ तो रंग नये भर दे।।

गर नहीं हारा तू खुद से, तो दुनिया हरा नहीं सकती।
कितनी ही आयै विपदा तुझ पर, तुझको डरा नहीं सकती।।

तू वो कर सकता है,जो कोई नहीं कर सकता है।
वीरान बने इस जीवन को,  तू हरा भरा कर सकता है।।

जीवन नैया का नाविक है तू , खड़ा हो पतवार उठा।
साहिल तक पार लगा इसको, देख सिंधु में ज्वार उठा।।

कर्तव्य विमुख हो जाते हैं, और जीने से जो डर जाते हैं।
वो मानव निश्चित ही, मरने से पहले ही मर जाते हैं।।

©KAVI RAMDAS GURJAR #hard_work  Ruchi Rathore Poonam Singh Neha Jain S N Gurjar Pratibha Tiwari(smile)🙂
त्याग निद्रा का करके , नूतन काम आरंभ कर दे।
फीकी हुई चमक जीवन की , कुछ तो रंग नये भर दे।।

गर नहीं हारा तू खुद से, तो दुनिया हरा नहीं सकती।
कितनी ही आयै विपदा तुझ पर, तुझको डरा नहीं सकती।।

तू वो कर सकता है,जो कोई नहीं कर सकता है।
वीरान बने इस जीवन को,  तू हरा भरा कर सकता है।।

जीवन नैया का नाविक है तू , खड़ा हो पतवार उठा।
साहिल तक पार लगा इसको, देख सिंधु में ज्वार उठा।।

कर्तव्य विमुख हो जाते हैं, और जीने से जो डर जाते हैं।
वो मानव निश्चित ही, मरने से पहले ही मर जाते हैं।।

©KAVI RAMDAS GURJAR #hard_work  Ruchi Rathore Poonam Singh Neha Jain S N Gurjar Pratibha Tiwari(smile)🙂