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धूप सीलन लग चुकी थी मेरी जेहन में पड़े सालो से बि

धूप

सीलन लग चुकी थी
मेरी जेहन में पड़े
सालो से बिन पलटे
तेरी स्मृतियों के पन्नों पर

अनायास ही तेरा
फिर लौट आना
तेज़ सर्दियों में 
नारंगी धूप की तरह,

फिर ले आया है
अंतहीन पतझड़ के बाद
बसंत का मौसम
जीवन में मेरे ।

©Swati Gupta  Swastika #swastika
#swatigupta

#OneSeason
धूप

सीलन लग चुकी थी
मेरी जेहन में पड़े
सालो से बिन पलटे
तेरी स्मृतियों के पन्नों पर

अनायास ही तेरा
फिर लौट आना
तेज़ सर्दियों में 
नारंगी धूप की तरह,

फिर ले आया है
अंतहीन पतझड़ के बाद
बसंत का मौसम
जीवन में मेरे ।

©Swati Gupta  Swastika #swastika
#swatigupta

#OneSeason