प्रकृति में विविधता एक मूल्य सत्य है उसी प्रकार मानवीय सोच मे , धर्म में, कर्म मे भी विविधता हैं। इसलिए किसी एक को मानने वाली नीति के पीछे खड़े होकर सही या ग़लत का फैसला नही किया जा सकता है। . . . .. . . . . . ©Shakti Singh विविधता #blindtrust