हर बार हर दोर में मुझ जैसे ना जाने कितने लोग आए होगे मगर मैं इंक़लाब के खातिर आया हूं बहा दूगा में अपने लहू का कतरा कतरा क्यू की में वतन के खातिर आया हूं #CIVIL SERVANT# ©R.k writes #akelapan