वो अपने भूख के लिए अपनी इज़्ज़त दाव पे लगाती रही, वो नारी हर रात अपने परिवार के लिए अपना ईमान निछावर करती रही। ये दुनिया उसे घृणा की नज़रों से देखती रही, और वो नारी अपने आंचल में लगे दाग को छुपाती रही। अपने अस्तित्व और वजूद को वो नीलाम होते देखती रही, वो नारी अपने आसूं छुपाकर अपने बच्चों के लिए मुस्कुराती रही। वो अपने ख्वाहिशों का गला घोटती रही, वो नारी अपना दर्द साहस से छुपाती रही। दुनिया उसके चरित्र पे प्रश्न चिन्ह लगाती रही, वो नारी अपना दिन का चैन और रातों का सुकून खोती रही। वो अपने लाल जोड़े की चिता जलाते रही, वो नारी नहीं है काबिल किसी के, इसका एहसास दुनिया उसे दिलाती रही। थे उसके भी अरमान एक छोटी सी दुनिया बसाने की, वो नारी हर रात अपने ख़्वाबों की अस्थियां बहाती रही। जहा रात में ये दुनिया चैन की नींद सोती रही, वो नारी रात में भी अपने कर्त्तव्य से पिछे नहीं हटी। "Read light area" के नाम से समाज उसके मौहोल्ले को बदनाम करती रही, वो नारी अपनी बेबसी का सबब किसी को भी ना बता सकी। वैश्या और तवायफ जैसे नाम देकर दुनिया उसे बेनाम करती रही, और वो नारी धीरे- धीरे अपने पहचान से दूर होती रही। #NojotoQuote #Woh_nari #nojotohindi #kalakaksh #kahaniwala #dailychallenge #nazm Shreeya Dhapola AFROZ 🌹