मैं अजीत कुमार पिछले 3 दिनों से बीमार था आप सोचेंगे कि मैं इस बात को सोशल मीडिया पर क्यों रखने जा रहा हूं! पहले दिन में रात लगभग 1:00 बजे मेरी हालत गंभीर थी उस वक्त मेरे पास थर्मामीटर नहीं था मैंने बॉडी टेंपरेचर नहीं ली पर मुझे बुखार बहुत ज्यादा थी बहुत ज्यादा जरूरी सोच कर मैंने मेरे पास मौजूद Azithromicine + Aldigesic खा ली.अगले दिन सुबह मैंने फिर कुछ दवाई मंगवाई (Nicip+Perinorm+Ciprofloxacine) जो निम्न है. इसे खाने के बाद दोपहर तक मुझे लगा कि मेरे अंदर कोरोना के लक्षण है और अब मुझे विशेषज्ञों की सलाह की जरूरत है फिर मैंने डॉ विश्वरूप राय जी के वेबसाइट पर जाकर पंजीकृत किया जो की पूर्णता निशुल्क है और इसकी जानकारी मैंने उनके यूट्यूब चैनल से पहले ही प्राप्त कर चुका था. उसके बाद मुझे डॉक्टर रितेश शर्मा जी का कॉल आया और उनके निगरानी में मैंने डाइट प्लान को फॉलो किया उस दौरान मेरी तबीयत कुछ ज्यादा भी बिगड़ गई पर रितेश जी मेरा हौसला बढ़ाएं और कुछ और सुझाव दिया जो कि पूर्व घरेलू उपचार थी मैंने उसे किया और जो महसूस हुआ वह बहुत ही खास था मैंने कभी सोचा नहीं था कि हमारे घर में मौजूद हल्दी लॉन्ग अदरक इत्यादि का उपयोग इतना सरदार हो सकता है. मैं तहे दिल से शुक्रिया करना चाहूंगा डॉ विश्वरूप राय जी का और उनके टीम का साथ ही मैं डॉक्टर रितेश शर्मा जी का शुक्रगुजार रहूंगा जो कि अपना महत्वपूर्ण वक्त देकर मेरी सहायता की.. आज के इस एलोपैथिक व्यवसायिक दौर में फ्री उपचार सोचना भी असंभव है.. पर हमारे आयुर्वेद में यह आज भी हो सकता है जिसका जीता जागता उदाहरण डॉ विश्वरूप रॉय और उनकी टीम है ... इसलिए आप सबों को मेरा तहे दिल से शुक्रिया..
जय हिंद वंदे मातरम...